
पत्थरों में कैद आस्था: ऊंची पहाड़ियों के बीच गुफा में स्थित है माँ तुलजा भवानी का चमत्कारी मंदिर
पत्थरों में कैद आस्था: ऊंची पहाड़ियों के बीच गुफा में स्थित है माँ तुलजा भवानी का चमत्कारी मंदिर
आगर मालवा : जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर, एक ऐसी जगह है जहाँ आस्था, इतिहास और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। हम बात कर रहे हैं एक प्राचीन और चमत्कारी मंदिर की, जो ऊँची पहाड़ियों के बीच एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है। यह मंदिर न केवल अपनी धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसका संबंध इतिहास के पन्नों से भी जुड़ा है।
इतिहास की गहराइयों में छुपा मंदिर
यह मंदिर हजारों साल पुराना माना जाता है और इसे शिवाजी महाराज की कुलदेवी का धाम भी कहा जाता है। इतिहासकारों के अनुसार, यह स्थान कभी बौद्धकालीन था। बाद में, इसी प्राकृतिक गुफा में माता तुलजा भवानी की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई, जिसके बाद भक्तों ने यहाँ मंदिर का निर्माण कराया। मूर्ति पहाड़ी की पथरीली दीवार पर बनी हुई है, जो इसकी प्राकृतिक उत्पत्ति का प्रमाण देती है।
वर्ष 1945 में, स्थानीय भक्तों ने इस जंगल से घिरे स्थान का जीर्णोद्धार कराया, और तब से लेकर आज तक, भक्तों के सहयोग से इसका लगातार विकास हो रहा है। यह मंदिर पहाड़ी पर एक गुफा में स्थित होने के कारण गुफाबर्डा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
रहस्यमयी गुफा और अटूट आस्था
मंदिर के पीछे परिक्रमा मार्ग पर एक और गुफा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका रास्ता उज्जैन के हरसिद्धि मंदिर तक जाता है, जो भृतहरि की गुफा के एक रास्ते से मिलता है। यह रहस्यमयी गुफा इस प्राचीन मंदिर की आभा को और बढ़ा देती है।
माता के इस मंदिर में भक्तों की अटूट आस्था है। यहाँ हर साल शारदीय नवरात्रि में घटस्थापना की जाती है। नवरात्रि शुरू होते ही, सुबह 5 बजे की पहली आरती से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है। भक्तों का मानना है कि माता रानी उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं, यही कारण है कि दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ माता के दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि के दौरान यहाँ विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं और हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए उमड़ते हैं।
पर्यटन का अद्भुत केंद्र
मंदिर का स्थान इसे एक अनोखा पर्यटन स्थल बनाता है। यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है, जहाँ से नीचे की ओर शहर को जोड़ने वाली सड़कें देखी जा सकती हैं। मंदिर के चारों ओर गहरा जंगल और ऊँची पहाड़ियाँ हैं, जो इसे एक शांत और मनोरम वातावरण प्रदान करती हैं।
मंदिर की देखभाल के लिए एक छोटा सा परिवार यहीं रहता है, जो इस पवित्र धाम की सेवा में लगा रहता है। इस मंदिर की यात्रा आपको न केवल धार्मिक शांति देगी, बल्कि प्रकृति की गोद में सुकून का अद्भुत अनुभव भी कराएगी।
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